Introduction Hadith : हदीस का परिचय


Introduction Hadith : संपादक की क़लम से … 

(बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम)

हर तरह की तारीफ अल्लाह ही के लिए है, हम उसी की तारीफ करते हैं, इसी से मदद तलब करते हैं, उसी से मग़फिरत चाहते हैं, और हम अपने नस की शरारतों और अपने आमाल की बुराईयों से अल्लाह तआला की पनाह चाहते हैं, जिस शख़्स को अल्लाह तआला हिदायत अता फरमा दे उसे कोई गुमराह नहीं कर सकता और जिसको गुमराह कर दे उसे कोई हिदायत नहीं दे सकता, और मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, ऐसी गवाही जो निजात के लिए वसीला और बुलंदी-ए-दरजात के लिए ज़ामिन हो, और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) उसके बन्दे और उसके रसूल हैं, जिसने उन्हें उन हालात में मबऊस फरमाया कि ईमान की राहों के निशान मिट चुके थे, इसके अनवार बुझ चुके थे, इसके अरकान कमज़ोर हो चुके थे और इसकी जगहें मजहूल हो चुकी थीं, तो आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) इसके निशानात, जोकि मिट चुके थे, को बुलन्द और उजागर किया, और आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने कलमा-ए-तौहीद की ताईद में ऐसे अलील शख़्स को जोकि जहन्नम के किनारे पर पहुँच चुका था, बचाया और आपने शाहेराह हिदायत के तलबगार पर इस रोशन राह को वाजे़ह किया, और आप(सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने सआदत के ख़ज़ानों को उनपर वाज़ह किया जो इनकी मिल्कियत का इरादा रखते हैं। अम्मा बाद!

नबी अकरम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सीरत के साथ तमस्सुक तब ही पायदार और देरपार रह सकता है जब आप से सादिर होने वाले अहकामात की इत्तिबा की जाये, और अल्लाह तआला की रस्सी (क़ुरआन-ए-करीम) के साथ तमस्सुक आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सुन्नत के बयान के साथ ही मुकम्मल हो सकता है।

चुनांचे, आज हदीस का बहुत बड़ा ज़ख़ीरा इस दुनिया-ए-फानी में मुख़्तलिफ ज़बानों में आज हमारे पास मौजूद है जिसमें चुनिंदा जामअ और मशहूर अहादीस की किताबें इस तरह से हैं –

(1) सहीह बुख़ारी
(2) सहीह मुस्लिम
(3) जामअ तिर्मिज़ी
(4) सुनन अबी दाऊद
(5) सुनन इब्ने माजा
(6) सुनन निसाई

इन अहादीस की किताबों के महमूआ को सह सित्ता के नाम से जाना जाता है इसके अलावा तैरह से ज्यादा अहादीस को मजमूआ मौजूद है।

मुतफर्रिक़ हदीस को हवाला सहित एक जगह इकट्ठा करने वाली एक बहुत ही मशहूर व मारूफ किताब मिश्कातुल मसाबीह है इस किताब में हमें अहादीस का एक बड़ा मजमूआ मिल जायेगा, जिसकी मदद से हम हदीस में महारत हासिल कर सकते हैं।
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