One God : परमात्मा की कोई मूर्ति नहीं : Dr Zakir Naik and Swami Agnivesh


One God : बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम: अस्सलामु अलैकुम व रह मतुल्लाहि व ब रकातुहू! आप सभी चाहे किसी भी धर्म से संबंध रखते हों ये पोस्ट अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस पोस्ट में आपको एक ईश्वर (One God) के बारे में बताया जा रहा है जबकि लोग एक ईश्वर (One God) को अनेक रूपों में देखते हैं परन्तु एक ईश्वर (One God) सिर्फ एक ही है और उसका कोई शरीक नहीं और ना ही उसके अनेक रूप हैं। आज लोग मूर्ति पूजा करते हैं और एक ईश्वर (One God) को अनेक मूर्तियों में तलाश करते हैं जबकि ये तो एक ईश्वर की इच्छा के ख़िलाफ़ है। दुनिया की सारी धार्मिक किताबों चाहे क़ुरआन, रामायण, गीता, महाभारत, और वेद आदि में एक ईश्वर (One God) के बारे में ही लिखा हैं जैसा कि वेद में लिखा है ‘‘न तस्य प्रतिमा अस्ति’’ जब वेदों में मूर्ति पूजा मना है तो फिर लोग मूर्ति पूजा क्यों करते हैं जबकि सनातन में वेद को बहुत बड़ा स्थान प्राप्त है परन्तु वेदों का फिर क्यों उलंघन किया जाता है? सलमान खान अपने घर पर गणेश पूजा करवाता है ये सब क्या है? आमिर खान अपनी एक फिल्म में एक मूर्ति दुकानदार से पूछते हैं कि तुमको किसने बनाया तो वो कहता है कि भगवान ने… क़ादर खान कहते हैं कि पूजा (इबादत) सिर्फ अल्लाह एक ईश्वर (One God) की ही की जानी चाहिए और उसके साथ किसी को शरीक मत करो वरना वो कभी नहीं बख़्शेगा, और स्वामी अग्निवेश कहते हैं कि यजुर्वेद कह रहा है कि उस परमात्मा की कोई मूर्ति नहीं हो सकती। और डाक्टर ज़ाकिर नाइक ने पूरी तरह से इसका उल्लेख कर दिया है। उपरोक्त सभी बातों को पोस्ट में पढ़ सकते हैं नीचे दिये गए वीडियो में सुन सकते हैं।


ज़ुबां से कह भी दिया ला इलाहा तो क्या हासि़ल,
दिलो निगाह मुसलमां नहीं तो कुछ भी नहीं।


इबादत के डिपार्टमैंट में अल्लाह का कोई शरीक नहीं – क़ादर खान

क़ादर ख़ान: ये ल़ज़ हमारे भाईयों को समझना बहुत ज़रूरी है कि दुनिया में इबादत, किसी को मानना, किसी से कुछ मांगना, किसी के सामने सर झुकाना, वो सिर्फ़ अल्लाह के लिए है, ये अल्लाह ने अपने लिए मख़सूस कर दिया है। तो आप कोई ऐसा काम मत कीजिए इबादत का जो कि सिर्फ़ अल्लाह के लिए मख़सूस है। अगर आपने कोई ऐसा काम किया जो इबादत में आप अल्लाह के लिए करते हैं तो आप उसके साथ किसी को शरीक करते हैं और इसी को शिर्क कहतें हैं। तो कभी मत कीजिएए कोई कितना भी बड़ा हो अल्लाह के सिवा कोई किसी से कुछ मांग ही नहीं सकता है किसी की इबादत कर ही नहीं सकता है। कि दुनिया में इस पूरी ज़िन्दगी में आपके कोई इबादत के लायक़ है ही नहीं, कोई बादशाह हो, कोई भी कैसा भी हो, पैगम्बर हो, रसूल हो, कुछ भी हो, कोई इबादत के लायक़ है ही नहीं, सिर्फ़ अल्लाह है ये सिर्फ़ मख़सूस है अल्लाह के लिए, और अगर किसी ने कुछ भी किसी से मांग लिया, किसी दरगाह की तरफ जाकर मांग लिया तो उसने उस काम में इबादत के डिपार्टमेंट में उसको अल्लाह का शरीक कर दिया, तो फिर अल्लाह नहीं बख़्शेगा उसे।

आमिर खान फिल्म स्क्रिप्ट:

आमिर खान : ये भगवान को आप बनाए,
दुकानदार : जी हां, अपने इन हाथों से,
आमिर खान : आप भगवान को बनाया कि भगवान आपको,
दुकानदार : यार, भागवान ने हम सबको बनाया है, हमने तो सिर्फ इनकी मूर्तियां बनायीं हैं
आमिर खान : काहे बनावत हो उसकी मूर्ति को
दुकानदार : ताकि उसकी पूजा कर सकें, अपने सुख-दुख की बातें कर सकें,
आमिर खान : तो इसके भीतर ट्रांसमीटर फिट है का, भगवान तक बात पहुंचत कैसे
दुकानदार : अरे भगवान को किसी ट्रांसमीटर की ज़रूरत नहीं पड़ती, वो डायरेक्टली सुन लेता है,
आमिर खान : अगर वो डायरेक्टली सुन लेता है तो फिर ये मूरत का काय ज़रूरत है,
दुकानदार : अरे क्या करूँ इसका यार, धंधा बंद करवाएगा क्या?

कि ऊपर वाले के साथ आपका जो कनेक्शन है वो डायरेक्ट है- आमिर खान

एक न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट, स्वामी अग्निवेश

स्वामी अग्निवेश: कि मंदिरों में चढ़ावा तब आता है कि जब आप उस मंदिर की मूर्ति को परमात्मा होने का दर्जा दे देते हैं क्योंकि लोग समझते हैं कि साक्षात प्रभरम परमात्मा इस मूर्ति में विराजमान हैं वो अपनी उनकी श्रद्धा का एक तरह से दोहन होता है और वो बेचारे भोले भाले लोग वहां पर चढ़ावा चढ़ाते हैं मनोति मनाते हैं यहां आकर के परमात्मा की तुम पूजा करोगे तुम्हारे मनोरत पूरे होंगे, तुम एक दुकान खोल लेते हो, और ये काम कोई भी व्यक्ति करे किसी भी धर्म संपदाय का व्यक्ति करे वो परमात्मा के साथ उसके महानता के साथ अन्याय कर रहा है जो वेदों के अनुसार स्पष्ट रूप से परमात्मा की मूर्ति नहीं हो सकती यजुर्वेद का मैं मंत्र के कोट कर रहा हूँ आप मुझे इसका अर्थ बताइये ग़लत है क्या?

न तस्य प्रतिमा अस्ति यस्य नाम महाद्यश,

यजुर्वेद कह रहा है कि उस परमात्मा की कोई मूर्ति नहीं हो सकती।

रिपोर्टर : क्या आज आपको लगता है चाहे आप राम की बात करें, कृष्ण की बात करें, या सांई बाबा की बात करें, इनमें से किसी की भी पूजा नहीं होनी चाहिए?

स्वामी अग्निवेश : परमात्मा की प्रतिमा बता करके वो सांई की मूर्ति की करें तो बहुत ही गंदा ग़लत है और राम और कृष्ण की भी करें तो ये राम और कृष्ण जी के साथ भी अन्याय है। राम और कृष्ण ईश्वर भक्त थे। उन्होंने कभी दावा नहीं किया कि मैं ईश्वर हूँ और मेरी पूजा की जाए, बल्कि कोई बात नहीं है, मैं कहना चाहता हूँ, हमारे देश में मूर्ति पूजा नहीं थी।

मूर्ति पूजा पर डा. ज़ाकिर नाइक का बयान वेद मंत्र के साथ

डा. ज़ाकिर नाइक: और सबसे अहम किताब जो हिन्दू धर्म में है वेद। जब हम वेद पढ़ते हैं यजुर्वेद में लिखा हुआ है पाठ नं0 32 मंत्रा नं0 3 में ‘‘न तस्य प्रतिमा अस्ति’’ उस भगवान, उस खुदा, उस ईश्वर की कोई भी प्रतिमा नहीं है कोई भी बुत नहीं है, कोई भी स्टेचू नहीं है, स्कल्पचर नहीं है, फोटोग्राफ नहीं है, पेंटिंग नहीं है, ज़िक्र है यजुर्वेद में पाठ नं0 40 मंत्रा नं0 9 में ‘‘अंधात्म प्रविशन्ति या असंभुति मुपास्ते‘‘ ये सांस्कृतिक श्लोक है जिसका मतलब है कि ‘‘अंधकार में दाखि़ल हो रहे हैं वो लोग जो असंभुती (क़ुदरती चीज़ो की) इबादत करते हैं पूजे हैं जैसा कि हवा, पानी, आग, और घोर अंधकार में दाखि़ल हो रहे हैं वो लोग जो संभूती (इंसान की बनायी हुयी चीज़ों) की पूजा करते हैं, जैसे टेबिल, कुर्सी, मूर्ति बुत वग़ैरह आदि)।
अगर आप क़ुदरती चीज़ों की इबादत करते हैं तो आप अंधकार में दाखि़ल हो रहे हैं और अगर आप बनायी हुयी चीज़ों की इबादत करते हैं तो आप और घोर अंधकार में दाखि़ल हो रहे हैं। इसे आप उपरोक्त वीडियो में देख और सुन सकते हैं।


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