Guwahati Pustak Mela : गुवाहाटी पुस्तक मेले में सबसे ज़्यादा बिकने वाली किताब बनी असमीज में लिखी कुरान


किसी भी वस्तु को बिना चखे उसका स्वाद बताना, अथवा किसी अन्य की बात सुनकर दूसरे पक्ष को जाने समझे बिना नतीजे पर पहुँच जाना यह बात न तो तर्क संगत है और न ही किसी बुद्धिमान और सुचरित्र इंसान का लक्षण है।

जब इंसान अपनी आँखों के बजाय दूसरें की आँखों से देखने लगे, जब इंसान अपने दिमाग की जगह दूसरें के दिमाग से सोचने लगे, और दूसरे की कही बात को बिना सोचे समझे मानने लगे, तो समाज में नफरत फैलाना और लोगों को बांटना बहुत ही आसान हो जाता है ।

आज इस्लाम और मुसलमानों के नाम पर तरह तरह प्रोपगंडे हर रोज फैलाये जा रहे हैं और लोग सच भी मान रहे है.

खबर है कि गोहाटी में पुस्तक मेला चल रहा है और वहाँ सबसे अधिक लोगों का ध्यान जिस पुस्तक की ओर गया है वह क़ुरआन है, यह हमारे उज्जवल भविष्य की ओर संकेत है कि लोग सच्चाई जानना चाहते हैं, और यह प्रयास हर किसी को करना चाहिये, क्यों कि जब तक सच्चाई सामने नहीं आयेगी, गलत फहमियाँ दूर नहीं होगी समाज में एकता की भावना का उदय कदापि नहीं हो सकता है।

क्या आप बिना जाने समझे एक ऐसे धर्म से नफरत कर सकते हैं जो इंसान को उसके अपने पैदा करने वाले सच्चे पालनहार एक परमेश्वर की ओर बुलाता है और उसी की उपासना का आदेश देता है, ऐसा करना गलत है ?

  • जो जातिवाद, रंगभेद, छुआछूत, ऊँचनीच के भेद-भाव को मिटाता है, क्या यह गलत है ?
  • जो बुद्धि और विवेक से काम लेने पर बल देता है, क्या बुद्धि और विवेक से काम लेना गलत है ?
  • जो प्रकृति और मानव-स्वभाव के अनुकूल है।
  • जो मानवता का रखवाला है, जो बिना भेद-भाव के सब धर्म की रक्षा करता है, जान की सुरक्षा करता है, बुद्धि की सुरक्षा करता है, इज़्ज़त की सुरक्षा करता है, माल की सुरक्षा करता है, क्या यह सब गलत है ??
  • जो दुश्मन के साथ भी न्याय का आदेश देता है।
  • जो सम्पूर्ण जीवन व्यवस्था देता है, आध्यात्मिक, नैतिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक प्रत्येक विभोगों में मार्गदर्शन करता है। क्या यह सब गलत है?
  • जो भ्रूण हत्या को जघन्य अपराध ठहराता है, बेटियों को प्रथमिकता देता है उन्हे माता पिता की सम्पति में हिस्सा देता है, विधवा विवाह को प्रोत्साहन करता है, दहेज को लानत कहता है , क्या यह सब करना गलत है?
  • जो गरीब अनाथ बेसहारा की सहायता को अनिवार्य ठहराता है, पढ़ोसी के आधिकार तय करता है और शिक्षा देता कि अगर आपका पढ़ोसी भूखा है तो आपका भोजन हराम है , क्या यह शिक्षा गलत है ?

तलाक बोझ बन चुके रिश्तों के लिये किसी वरदान से कम नहीं है, इस्लाम ऐसे रिश्तों में दम्पति को अलग होकर फिर नये तरीके से घर बसाकर एक खुशहाल दाम्पत्य जीवन जीने की शिक्षा देता है जिसमें हसबैंड को तलाक का और वाइफ को खुला का हक देता है ,जिससे लड़की लड़के दोनों ही फिर से अपना जीवन शुरू करते है जिसमें जलाकर मारने या आत्महत्या जैसे मामलों के बारें में सोचा भी नहीं जा सकता, लेकिन नफरत फैलाने वाले आपको इन सब बातों से दूर कर देश में नफरत का माहौल पैदा कर अपना उदेश्य पूरा करना चाहते हैं।

इन सबका हल मात्र एक है कि सच्चाई क्या है इसे स्वयं मालूम किया जाये, आज पवित्र क़ुरआन बहुत ही आसानी के साथ हर भाषा में उपलब्ध है, अगर फिर भी आपको मिलने में कोई कठिनाई है तो हमें मैसेज कर सकते हैं।
Post Navi

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