Stop Backbiting : ग़ीबत किसे कहते हैं? | What says the Prophet Muhammad SAW?




Backbiting : अज़ीज़ भाईयों और बहिनों! आज समाज में ग़ीबत करना बहुत आम हो गया है, जहाँ घर में दो औरतें हों, मुहल्ले और गलियों में दो तीन मर्द हों तो फिर समझ लो कि वो किसी तीसरे की ग़ीबत करते नज़र आ जायेंगे और लोग इस गुनाह को गुनाह तसव्वुर ही नहीं करते हैं जबकि ये भी एक कबीरा गुनाह है जैसा कि अल्लाह तआला ने क़ुरआन मजीद में इरशाद फ़रमायाः

‘‘तुममें से कोई किसी की ग़ीबत न करे। क्या तुममें से कोई व्यक्ति यह पसन्द करता है कि अपने मुर्दा भाई का गोश्त खाए तुम इससे ज़रूर नफ़रत करोगे, अतः अल्लाह से डरो अल्लाह तआला निश्चय ही तौबा क़ुबूल करने वाला मेहरबान है।’’ (सूरह हुजुरात, आयत 12)

ग़ीबत किसे कहते हैं?

  • ग़ीबत की वज़ाहत करते हुए आप सल्ल0 ने फ़रमायाः ‘‘ग़ीबत यह है कि तू अपने भाई का ज़िक्र इस तरह करे जो उसे नापसन्द हो।’’ सहाबी ने अर्ज़ किया ‘‘अगर वह बात उसमें मौजूद हो तो फिर?’’ आप सल्ल0 ने इरशाद फ़रमायाः ‘‘अगर उसमें मौजूद है तब वह ग़ीबत है और अगर मौजूद न हो तब वह बोहतान है।’’ (मुस्लिम, अबू दाऊद, तिर्मिज़ी, नसाई)
  • ग़ीबत के बारे में रसूले अकरम सल्ल0 के कुछ इरशादातग़ीबत, ज़िना से भी सख़्त गुनाह है। सहाबा किराम रज़ि0 ने अर्ज़ किया ‘‘या रसूलुल्लाह सल्ल0! ग़ीबत ज़िना से अधिक सख़्त गुनाह कैसे है?’’ आप सल्ल0 ने इदशाद फ़रमाया ‘‘एक व्यक्ति ज़िना करता है फिर तौबा करता है तो अल्लाह तआला उसकी तौबा क़ुबूल फ़रमाता है और उसे माफ़ कर देता है। लेकिन ग़ीबत करने वाले व्यक्ति को उस समय तक माफ़ी नहीं मिलती जब तक वह व्यक्ति माफ़ न करे जिसकी ग़ीबत की गई है।’’ (बैहक़ी)
  • हज़रत माइज़ असलमी रज़ि0 को ज़िना के जुर्म में संगसार किया गया तो एक आदमी ने दूसरे से कहा ‘‘इस व्यक्ति को देखो, अल्लाह ने इसका पर्दा रखा, लेकिन इसके नफ़्स ने इसका पीछा न छोड़ा जब तक कुत्ते की मौत न मार दिया गया।’’ आप सल्ल0 ने यह बात सुन ली, रास्ते में गधे की सड़ी हुई लाश नज़र आई, तो आप सल्ल0 वहां रूक गए और उन दोनों आदमियों को हुक्म दिया ‘‘आओ इसे खाओ।’’ उन्होंने अर्ज़ किया ‘‘या रसूलुल्लाह सल्ल0! इसे कौन खाएगा?’’ आप सल्ल0 ने फ़रमाया ‘‘जिस तरह तुमने अपने भाई की इज़्ज़त को पामाल किया है वह इस मुर्दार को खाने से कहीं ज़्यादा बुरा है।’’ (अबू दाऊद)
  • हज़रत आइशा रज़ि0 ने उम्मुल मोमिनीन हज़रत हफ़सा रज़ि0 के बारे में रसूलुल्लाह सल्ल0 के सामने यह कहा कि वह ऐसी और ऐसी हैं, अर्थात छोटे क़द वाली हैं। आप सल्ल0 ने इरशाद फ़रमाया ‘‘आइशा! तुमने ऐसी बात कही है कि अगर उसे समुन्द्र में डाल दिया जाए तो उसे भी कड़वा कर दे।’’ (अहमद, तिर्मिज़ी, अबू दाऊद)
  • आप सल्ल0 ने फ़रमाया ‘‘जिस रात मैं आसमान पर गया उस रात मैंने ऐसे लोगों को देखा जिनके नाख़ून तांबे के थे और वे उन नाख़ूनों से अपने मुंह और सीने का गोश्त नोच रहे थे। मैंने पूछा ‘‘ये कौन लोग हैं?’’ हज़रत जिबरील अलैहि0 ने बताया ‘‘ये वे लोग हैं जो दुनिया में लोगों का गोश्त खाते थे। (अर्थात ग़ीबत करते थे) और उनकी इज़्ज़त पामाल करते थे।’’ (अबू दाऊद)

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