Health Defense : प्रिय पाठकगण, अस्सलामु अलैकुम व रह मतुल्लाहि व ब रका तुहू! उम्मीद है कि आप सभी को इस्लामिक न्यूज़ की “सच्ची खबरें अनमोल खबरें” ज़रुर पसन्द आ रही होगी और इससे आप सभी को अनमोल ज्ञान की प्राप्ति भी हो रही होगी। आज हम आपको जनन स्वस्थ रक्षा Heath Defense और शक्ति की हिफ़ाज़त Protection of Vigor के विषय पर लेख प्रकाशित कर रहे हैं Health Defense पर ख़ास बिन्दुओं पर नज़र डाली गई है कि किस प्रकार हम अपनी Health Defense की सुरक्षा कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य Health Defense को शक्तिशाली बना सकते हैं।
इस पोस्ट में हम अपने प्यारे और भोले भाले नौजवानों को निम्नलिखित ऐसी बातों और कामों से अवगत कराना चाहते हैं जिसका जानना आपके लिए अत्यन्त आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है। और वो ये है –
जिंसी हिफ़ज़ाने सेहत (जनन स्वस्थ रक्षा)
जिंसी आज़ा (जनन अंगों) को सेहतमंद व तन्दुरुस्त रखने का नाम जिंसी हिफ़ज़ाने सेहत (जनन स्वस्थ रक्षा) है। इसमें आपको निम्नलिखित बातों का ख़ास ख़्याल रखना पड़ेगा –
1. पेशाब वाली नाली, खसये (वृषण) और मसान (मूत्राशय) खूब साफ़ रखें। वहां मैल-कुचैल या पसीना जमा न होने दें।
2. पेशाब को ज़्यादा देर तक न रोका जाए, बल्कि जब पेशाब की हाजत (इच्छा) हो, फ़ौरन उससे फ़ारिग़ (मुक्त) हो जाएं।
3. रात को सोते वक़्त पेशाब करके सोएं।
4. क़ब्ज़ न होने दें।
5. ज़्यादा सख़्त वर्जिश (व्यायाम) करते वक़्त लंगोट का इस्तेमाल करें, ताकि अजू मख्सूस (लिंग) या फ़ोतों (वृषण) को चोट न लगे, क्योंकि बाज़ अवक़ात (किन्हीं समयों) ज़्यादा ज़ोर लगाने या भारी वज़न उठाने से फ़ोते बढ़ जाते हैं।
6. इन जगहों पर उगने वाले बालों को हर पंद्रह दिनों में एक बार ज़रूर मुंडवा दिया करें ।
7. अगर इन जगहों पर कोई ज़ख्म (घाव) हो जाए, जैसे कि अतिश्क (उपदंश रोग) या सूज़ाक वग़ैरह हो जाता है, तो फ़ौरन उसका इलाज करायें।
8. आठ घंटे तक नींद पूरी करें। रात को जल्दी सो जाएं और सुबह को जल्दी उठे।
9. बिस्तर सख़्त और ओढ़ने वाले कपड़े हल्के इस्तेमाल करें और अपने बिस्तर पर किसी दूसरे को न सोने दें।
10. दूसरों के साथ इकट्ठा सोना, मुज़रे-सेहत (अस्वास्थ्यकर) और नुक़सानदेह है, इससे परहेज़ करें ।
11. इश्तेहारी (ढिढोंरी) दवाईयों, अताई (अनाड़ी) हकीमों (वैधों) और ठग क़िस्म के डॉक्टरों से हमेशा बचते रहें।
कुव्वतो-तवानाई (शक्ति) की हिफ़ाज़त
14-15 साल की उम्र तक बचपन का दौर होता है और इसके बाद जवानी का ज़माना शुरू हो जाता है, जो जिंदगी का सुनहरा दौर है। यह ज़माना इंसानी जिंदगी का निचोड़ है। इसी दौर में इंसान के अन्दर अजमो-हिम्मत (इच्छा-शक्ति) के जज़्बात (उत्साह) पैदा होते हैं और जिंसी जिंदगी के दिलचस्प, दिल-फ़रेब और पुरकैफ़ (हर्ष युक्त) दौर का आग़ाज़ (आरंभ) होता है। मर्द और औरत दोनों में जिंसी जज़्बात पैदा होते हैं और फिर आपस में जिंसी मेल-जोल का जज़्बा, शिद्दत (प्रचंडता) के साथ भड़क उठता है, जिसकी सही सूरत शादी है, जो इबादत (प्रार्थना) का दर्जा रखती है और ज़ाहिर (स्पष्ट) है कि इबादत के खिलाफ़ (विरुद्ध) जो काम किया जाए वह बदी (बुरा) है। चुनांचे बगै़र शादी के चोरी-छुपे लड़की या लड़के से मेल-जोल रखना बदी और सख़्त गुनाह है, जिसकी सज़ा अगले जहान में तो ज़रूर मिलेगी, लेकिन इस दुनिया में भी इसकी सज़ा मिलती है यानी बदनामी, बीमारी, बेइज़्ज़ती और ज़िल्लतो-ख़्वारी (नीचती), मुक़द्दर (भाग्य) हो जाती है। इसलिए कभी भूलकर भी यह ग़लत रास्ता इख्तियार (धारण) न करें।
मियां-बीवी के ताल्लुक़ात (संबंध) जिसे वज़ीफ़-ए-ज़वजिय्यत (संभोग) कहते हैं, सेहतो-तंदुरुस्ती से गहरा वास्ता है। इसलिए सेहत को बरक़रार रखने (रक्षा करने) की ख़ातिर यह ज़रूरी है कि आप शुरू से ही अपनी उन तमाम (संपूर्ण) क़ुव्वतों की हिफ़ाज़त और देखभाल करें, जो अल्लाह तआला ने आपको दौरे जवानी में इस्तेमाल करने के लिए अता (भेंट) की हैं। जिंसी मेल-जोल न सिर्फ नस्ल (वंश) बरक़रार रखने के लिए ज़रूरी है, बल्कि उसमें एक ख़ास लज़्ज़त, कैफियत (गुण) और सुरूर (खुशी) भी पिन्हां (गुप्त) है, जो सिर्फ उसी हालत में हासिल हो सकता है कि आपकी तमाम (संपूर्ण) क़ुव्वतें महफूज़ (सुरक्षित) हों, लेकिन अगर आपने अपनी लाइल्मी (अज्ञान), जहालतपन (अनाड़ीपन) और बुरी सोहबत (दोस्ती) की वजह से इस सरमाया (पूंजी) हयात (ज़िंदगी) को वक़्त से पहले ही ज़ाया (नष्ट) कर दिया तो फिर उसे हासिल करने के लिए बड़ी दौड़-धूप करनी पड़ेगी और मुमकिन (संभव) है कि बहुत से रुपये-पैसे खर्च करने के बावजूद भी आप उसे दोबारा हाासिल न कर सकें।
याद रखिए, दुनिया में हमेशा ताक़त की मांग रही है, लेकिन इंसानी तरक़्क़ी (वृद्धि) का राज़ उसकी जिस्मानी (शारीरिक), अक़ली (मानसिक) और रूहानी (आध्यात्मिक) क़ुव्वत की सलामती (रक्षा) में है। अगर इनमें से किसी एक में भी नुक़्स (दोष) वाक़ै हो जाए तो लामहाला (निरंतर) बाक़ी (शेष) दोनों कुब्बतें कमज़ोर पड़ जाएंगी।
मसलन (जैसे कि) अगर आपने मुशतज़नी की बुरी और कबीह (हीन) आदत इख़्तियार कर ली, तो जिस्मानी क़ुव्वतों को बर्बाद कर देने के साथ-साथ आप अख़्लाक़ी गुमराही और रूहानी तबाही का शिकार भी हो जाएंगे। दुनिया में जो शख़्स (मनुष्य) तन्दुरुस्त और तवाना (शक्तिशाली) है, यक़ीनन (अवश्य) उसमें ख़्वाहिशातेनफ़सानी भी उसी मुनासिबत (संबंध) से क़वी (शक्तिशाली) होंगी और उन्हें बेलगाम छोड़ देना ख़तरे से खाली नहीं है। अलबत्ता (अवश्य ही) अगर उन पर क़ाबू पा लिया जाए तो आप देखेंगे कि आप किस क़द्र शरीफ़ (सच्चरित्र) मिजाज़ (प्रकृति) और हमदर्द बन जाएंगे। दरअसल मर्दुमी (मर्दानगी) और जिंसी मेलान जिसे (Sex Instinct) कहते हैं, वह जोहर है जो आपके अन्दर बहादुरी, शराफ़त और जवांमर्दी की रूह (बुद्धि) बेदार (जाग्रत) करता है, अगर यह कमज़ोर हो गया या उसे ज़ाया कर दिया तो हिजड़ों और नामर्दों की तरह वुज़दिल और नाकारा (बेकार) रह जाएंगे, फिर दुनिया आपके लिए बेकार और आप दुनिया के लिए बेकार हो जाएंगे।
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