Dream World : अस्सलामु अलैकुम व रह मतुल्लाहि व ब रकातुहू! प्रिय नौजवान दोस्तों, आप इस समय Dream World अरमानों की दुनिया में जिंदगी के दो राहे पर खड़े हैं, जिसकी एक तरफ़ तो Dream World अरमानों की दुनिया में दुनिया की दिल फरेबियां, धोखाधड़ी, आपको दावत दे रही हैं और दूसरी तरफ़ ज़िम्मेदारियाँ आपका इंतिज़ार (प्रतीक्षा) कर रही हैं। परन्तु आप Dream World अरमानों की दुनिया में अपने अंदर उम्मीदों, उमंगों और वलवलों का तूफ़ान पाते हैं और रंग-बिरंगी आरजुएं (इच्छाएं) आपको बेचैन किए देती हैं, परन्तु Dream World अरमानों की दुनिया में इन आरजुओं को पालने और पूरा करने में आप अक्सर नाकाम (असफल) रहते हैं, क्योंकि Dream World अरमानों की दुनिया में हर आरज़ू की तकमील (पूर्ति) आपके बस की बात नहीं है और न यह दुनिया आपकी मर्ज़ी के मुताबिक़ चल सकती है। इसलिए आप अक्सर बेबस होकर रह जाते हैं और हसरतो-यास (अभिलाषा) से पुकार उठते हैं-
अब पेश है:
या कभी-कभी ग़ालिब का यह शेर पढ़कर बेहद उदास हो जाते हैं –
“हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।”
दुनिया इस वक़्त आपको खुशनुमा फूलों का गुलज़ार (बग़ीचा) मालूम होती है, क्योंकि आप जवान हैं और जवानी दीवानी होती है, जो किसी ज़िम्मेदारी को कुबूल नहीं करती, बल्कि इस दीवानेपन में अख़्लाक़ व आदाब (चरित्र) की तमाम हुदूदों (सीमाएं) को फ्लांग जाती है, मगर समाजी, अख़्लाक़ी और मज़हबी (धार्मिक) पाबंदियाँ कदम-कदम पर आपकी राह रोकने के लिए मौजूद हैं। ताहम (यद्यपि) इस इतनी बड़ी दुनिया में आप अपनी मर्जी के मुताबिक़ (अनुसार) बहुत कुछ करना चाहते हैं। मिसाल के तौर पर आप चाहते हैं कि :
(1) हसीन तसव्वुरात और रंगीन ख़्यालात की दुनिया में खोये रहें और कोई इसमें खलल (विघ्न) अंदाज़ न हो सके। इस तरह आप फ़र्ज़ी जन्नत (काल्पनिक स्वर्ग) के मज़े लूटते रहें।
(2) आपकी जेब हर वक़्त दौलत से भरी रहे, आसमान से ज़रो-जवाहरात (सोने-आभूषण) की बारिश होती रहे। आप ‘का़रून’ के ख़ज़ानों के मालिक बन जाएं, फिर जब और जहां चाहें बेदरीग़ (बिना दुःख से) रुपया ख़र्च करें और आपके इन ख़ज़ानों में कोई कमी न आए, ताकि आपको मेहनत करके कमाना न पड़े। दूसरे आपको इस तरह ख़र्च करने से रोकने वाला कोई न हो। आपके पास अलाउद्दीन का चिराग़ हो और आप हर वक़्त ऐश करते रहें।
(3) माँ-बाप, दोस्त-अहबाब, समाज बल्कि खु़द हुकूमत भी आपके मश्विरों पर अमल करे। किसी को आपसे इख्तिलाफ़ (विवाद) की ज़रूरत (साहस) न हो और आपके हुक्म को मानना करना हर कोई मनुष्य अपनी भलाई समझे ।
(4) समाज का हर व्यक्ति आपकी ज़हनी सलाहियतों का क़ायल (अधीन) होकर बिना व चिरा आपको लीडर मान ले।
(5) आपकी शख्सियत हर मैदान में नुमाया हो। अख़बारों में आपकी तस्वीरें और तक़रीरें (भाषण) छपा करें। महफ़िलों (सभाओं) में आपका चर्चा हो। चिलमनों की ओर से आपको देखा जाए। जिस मजलिस (सभा) में आप जाएं वहां आपका गर्मजोशी से इस्तक़बाल (स्वागत) हो और सिर्फ आप ही का ज़िक्र (चर्चा) हो। गोया आप ही “शाह बहराम” हों और आप ही ताजुल मुल्क (देश के मुकुट) हों।
(6) आप फ़िल्मी हीरो बन जाएं। नामवर (प्रसिद्ध) आशिक़ हो । जहां किसी से नज़रें चार हों, महबूबा खट से आपके पांव में आ गिरे। खेल का मैदान हो या बिसाते-सियासत (राजनीति का क्षेत्र), सहाफ़त (साहित्यकार) की दुनिया हो या शेरो अदब (नम्रता) का आसमां। आप हर जगह मुनव्वर (दीपक) और मेहताब (चंद्रमा) बनकर चमकते रहें।
(7) ज़िम्मेदारी का बोझ किसी सूरत में भी आपके कंधों पर न डाला जाए और इम्तिहान जैसा ज़हर का प्याला किसी सूरत में आपके सामने न लाया जाए, बल्कि बेफ़िक्री और खिलंडरेपन की हर सूरत को आपके लिए मुमकिन बनाया जाए।
(8) आपके पास हेलीकाप्टर, हवाई जहाज़, स्कूटर या कार हो। दोस्तों का ताईफ़ा (गिरोह) आपके साथ हो। आप दुनिया भर की सैरो-सियाहत करते फिरें और इस सिलसिले में कोई रुकावट मुश्किल या उलझन पैदा न हों।
(9) आप सदा तन्दुरुस्त और जवान रहें। आपकी जवानी हर वक़्त जगमगाती रहे। खूबसूरती, आपकी लौंडी (दास) बनकर रह जाए। जाज़ेबिय्यत (प्रलोभन) आप पर निसार (कुर्बान) हो और आप खुशो-खुर्रम (आनंदित) रहें।
(10) दुनिया भर की दिलचस्प किताबें, चटपटे नाविल और रंगीन रोमानी अफ़सानों (कथाओं) के मजमुए (संग्रह) हर वक़्त आपकी मेज़ पर मौजूद रहें, ताकि आप उनका लुत्फ़ उठाते रहें।
(11) आप हों, आपके दोस्त-अहबाब हों। खाने-पीने के खुश ज़ायके और चटपटे सामान हों, रंगीन महफ़िलें हों और उन महफ़िलों की जान यानी जाने (जानिसार) हों, जिसमें आप लीन रहें।
(12) हालात और उम्र की जिन रंगीनियों से आप गुज़र रहे हैं, वह हमेशा क़ायम रहें।
उपरोक्त सभी बातें आप नौजवानों की आरज़ुओं के धुंधले अक्स हैं, जिन्हें आप हक़ीक़त में बदलने की कोशिश (प्रयास) करते हैं…
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