09 Ramadan 01 April 2023: समय सेहरी व इफ़्तार बराए शहर इटावा

 


सच्ची बातें अनमोल बातें - आज की हदीस़

आशूरा के दिन क़ुरैश ज़मानाए-जाहिलियत में रोज़े रखते थे और नबी करीम (सल्ल0) भी उस दिन रोज़ा रखते थे। जब आप (सल्ल0) मदीना तशरीफ़ लाए तो यहाँ भी आप (सल्ल0) ने उस दिन रोज़ा रखा और सहाबा (रज़ि0) को भी उसके रखने का हुक्म दिया लेकिन जब रमज़ान के रोज़ों का हुक्म नाज़िल हुआ तो रमज़ान के रोज़े फ़र्ज़ हो गए और आशूरा के रोज़े की फ़र्ज़ियत बाक़ी नहीं रही। अब जिसका जी चाहे उस दिन का रोज़ा रखे और जिसका जी चाहे न रखे।

Reference:- Book : Sahih Bukhari, Hadees No. # 4504, Status : Sahih

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