Sayyida Aisha : आप ﷺ के निकाह को लेकर किए जाने वाले ऐतराज़ात का जवाब


Sayyida Aisha RA : बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम, अस्सलामु अलैकुम व रह मतुल्लाहि व ब रकातुहू! जैसा कि आप लोग जानते हैं कि मौजूदा दौर में नबी सल्ल0 के बारे में बीजेपी सांसद नुपुर शर्मा द्वारा बेहूदा टिप्पणी की गयी और आप सल्ल0 पर ग़लत और बे बुनियाद इल्ज़ाम लगाते हुए नबी सल्ल0 की गुस्ताख़ी की गयी और अम्मा आईशा रज़ि0 को लेकर 6 वर्ष की उम्र में निकाह को लेकर जो ऐतिराज़ात उठाए गए हैं उन तमाम ऐतिराज़ात का तर्कसंगत (Reasonable) जवाब मौहम्मद नौमान मक्की, किंग अब्दुल्लाह मेडिकल सिटी मक्का मुकर्रमाह द्वारा सोशल मीडिया पर दिया गया है इसी को मैं आप लोगोें की खि़दमत में पेश कर रहा हूँ, इसे पढ़कर आप ख़ुद अंदाज़ा लगा सकते हैं कि वास्तव में वो तमाम ऐतिराज़ात बेबुनियाद और बेहूदा हरकत वालें हैं।

उम्मुल मोमिनीन हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहू अन्हा से आप ﷺ के निकाह को लेकर किए जाने वाले ऐतराज़ात का तर्कसंगत (Reasonable) जवाब

एक अहम तहक़ीक़ :

[मौहम्मद नौमान मक्की किंग अब्दुल्लाह मेडिकल सिटी मक्का मुकर्रमा]

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيِمِ

الحَمْدُ لله رَبِّ العَالَمِينَ وَالصَّلاَةُ وَالسَّلاَمُ عَلَى أَشْرَفِ الخَلْقِ أَجْمَعِينَ وَخَاتَمِ الأَنْبِياءِ وَالمُرْسَلِينَ سَيِّدِنا مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِهِ وَأَصْحَابِهِ وَأَتْبَاعِهِ بِإِحْسَانٍ إِلَى يَوْمِ الدِّيِنِ

क्या उम्मुल मोमिनीन हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहू तआला अन्हा का निकाह हज़रत मौहम्मद ﷺ के साथ कम सुनी में हुआ था….??

दुश्मनान इस्लाम ख़ुसूसी मग़रिबी दुनिया के लोग इस बात को लेकर हज़रत मुहम्मद ﷺ की शान अक़दस में गुस्ताख़ी करते नज़र आते है….और आप ﷺ की मुबारक तक़द्दस (Holiness) को पामाल करने की नापाक कोशिश करते है, जिनका देखा देखी आज कल हिन्दुस्तान के कुछ तंगज़हन, इस्लाम मुख़ालिफ़ लोग भी इसको उन्वान बनाकर मुसलमानान हिंद के जज़्बात को मजरूह (चोटिल/Injured) करने की कोशिश कर रहे है… जिस को सुनकर मुस्लमान बहुत ज़्यादा परेशान हो जाते है और शान अक़दस में होने वाली ग़ुस्ताख़ी को बर्दाश्त नहीं कर पाते, मगर इसके बावजूद इस ऐतराज़ पर अपने आपको ला-जवाब (Unanswerable) महसूस करते नज़र आते है…और बाज़ मुस्लमान ख़ुद हैरान होकर इस पर सवाल करते है के आप ﷺ ने अम्मी आयशा से इतनी कम उम्री में निकाह क्यूं किया था…??

आगे जो तहक़ीक़ और हक़ाइक़ आपके सामने पेश किए जा रहे है इसे पढ़ कर आपके सारे अशकाल दूर हो जायेंगे इन शा अल्लाह, और आप ख़ुद अपने दूसरे मुस्लिम और ग़ैर मुस्लिम भाइयों की ग़लत फहमी को दूर कर सकते है, यह तहरीर बड़ी मेहनत से तैयार की गयी है इसको एक दफ़ा कम-अज़कम ज़रूर पढ़िये ताकि पूरी ज़िंदग़ी आपको इस उन्वान के मुताल्लिक़ तज़-बज़्ज़ब (संकोच) में मुब्तला ना होना पढ़े।

इसको आप अपने ग़ैर मुस्लिम दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते है… बेवक्त ज़रूरत मुक़र्ररीन हज़रात भी इसके मुताल्लिक़ बता सकते है, जो के उस वक़्त मुस्लमान, ख़सुसन दुनियावी पढ़े लिखे तब्क़े के ईमान वे अक़ाइद की सलामती के लिए ज़रूरी है।

सही बुख़ारी व सही मुस्लिम की रिवायत से पता चलता है के हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहू अन्हा का निकाह उनकी छ: (6) साल की उम्र मे हुआ और रुख़सती के वक़्त उनकी उम्र शरीफ़ नौ (9) बर्स की थी।
[बुख़ारी : 3894 || मुस्लिम : 1422]

यह सारी रिवायत सही है इनकी सेहत पर कलाम नहीं किया जा सकता। इस बात को मग़रिबी मीडिया ने कई दफ़ा mispresent करके आवाम के दिलों में हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ के मुताल्लिक़ बदग़ुमानी पैदा करने की नापाक कोशिश की है।
जिसकी वजह से बाज़ लोग हैरानी और ताज्जुब से पूछते है क्या मुहम्मद ﷺ ने एक बच्ची से निकाह किया था…???

आये देखते हैं के इसकी क्या हक़ीक़त है…??

इस निकाह के पीछे क्या हिकमत थी…??

1400 साल पहले क्या यह आम सी बात थी…??

इसका जवाब देने के लिए उन रिवायात की सेहत पर कलाम करने की ज़रूरत नहीं बल्कि इसको तारीख़ी पसेमन्ज़र से देखने की ज़रूरत है।

अहम नुक्ता :-

वक़्त के साथ इंसानो की ग़िज़ा और उनके ईस्तेमाल की चीज़ों में बड़ी तब्दीलीयां आईं है और इस तरह इंसानो के अंदर भी जिस्मानी तब्दीलीयां (Anatomical and Physiological Changes) हुई हैं….1400 साल पहले इतनी कम उम्र में शादी होना आम सी बात थी… और यह एक तारीख़ी हक़ीक़त है के यूरोप, एशिया, अफ़्रीका और अमेरिका में 9 साल से 14 साल की लड़कियों की शादियाँ कर दी जाती थी।

मिसाल के तौर पर

सेंट ऑगस्टाइन (Saint Augustine ~ 350 AD) ने जिस लड़की से शादी की उसकी उम्र 10 साल थी।

राजा रिचर्ड-ll (KING RICHARD-II 1400 AD) ने जिस लड़की से शादी की उसकी उम्र 7 साल की थी।

हेनरी (HENRY 8) ने एक 6 साल की लड़की से शादी की थी।

यहां तक कि ईसाइयों की पढ़ी जाने वाली आज की मौजूदा बाईबल में है
“But Save for yourselves every GIRL who has never slept with a man”

“मगर हर वह लड़की जो बाकिराह है उसको अपने लिए महफ़ूज़ कर लो।”
(In the book of Numbers, chapter 31 and verse 17)

ईसाइयों की कैथोलिक इनसाइकलोपीडिया के मुताबिक़ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की वाल्दाह हज़रत मरियम का निकाह उनकी 12 साल की उम्र में 99 साल के जौसेफ़ से हुआ था।

1929 से पहले तक बरतानिया में, चर्च ऑफ इंग्लैण्ड के वज़रा (मंत्री) 12 साल की लड़की से शादी कर सकते थे।

1983 से पहले कैथोलिक किनान के क़ानून ने अपने पादरीयों को ऐसी लड़कियों से शादी कर लेने की इजाज़त दे रखी थी के जिनकी उम्र 12 को पहुँच चुकी हो।

बहुत सारे लोग इस बात से ना-वाक़िफ़ है के स्टेट ऑफ डीलाइवर में 1880 में लड़की की शादी की जो कम से कम उम्र थी वह 8 साल थी और कैलिफोर्निया में 10 साल थी। यहां तक कि आजतक भी अमेरीका के कुछ स्टेट में लड़कियों की शादी की जो उम्र है, वह मैसाचुसेट्स में 12 साल और न्यु-शोमसीर में 13 साल और न्यु यॉर्क में 24 साल की उम्र है।

यहां तक तो ईसाइयत और मग़रिबी मुमालिक में लड़की की शादी को मुनासिब उम्र और वहां की मारूफ़ शख़्सियत के मुताल्लिक़ था, जिस से यह साफ़ साबित होता है के तारीख़ी नुक्ता नज़र से इस उम्र की लड़की से निकाह करना एक आम सी बात थी और इसको कोई मायूब नहीं समझा जाता था।

हिन्दू मज़हब में शादी की उम्र :

अब हमारे मुल्क में हिन्दुस्तान के क़वानीन और हिन्दू मज़हब की मुक़द्दस किताबों पर नज़र डालते है के उन में लड़की की शादी के मुनासिब उम्र के बारे में क्या लिखा है?
हिंदू मज़हब की किताब मनुस्मृति में लिखा है, “लड़की बालिग़ होने से पहले उसकी शादी कर देनी चाहिए”
(गोत्मा 18-21)

इस डर से के कहीं अय्याम हैज़ ना शुरू हो जाए, बाप को चाहिये के अपनी लड़की की शादी उस वक़्त कर दे जब वह बे-लिबास घूम रही हो, क्योंकि अगर वह बलूग़त (तरुणाई) के बाद भी घर में रहे तो उसका गुनाह बाप के सर होगा।
[वाशसत्हा (वानस्पतिक) 17:70]

हिन्दुस्तान में शादी की उम्र :-

इसके मुताल्लिक़ कैंब्रिज के सेंट जोंस कॉलेज के Jack Goody ‏The Oriental, the Ancient and Primitive ने अपनी किताब में लिखा है के हिन्दुस्तानी घरों में लड़कियाँ बहुत जल्द ही ब्याह दी जाती थी।

श्रीनिवास इन दोनों के बारे में लिखते है जब इन्डिया में बलूग़त से क़ब्ल शादी करने का रिवाज चलाता था।

(11: 1948): लड़की को उसकी उम्र को पहुंचने से पहले उसकी शादी कर देनी होती थी, हिंदू लाॅ के मुताबिक़ और मुल्क के रिवाज के मवाफ़िक़ लड़की के बाप पर ज़रूरी था के वह बालिग़ होने से पहले उसकी शादी कर दे, रुख़सती में ताख़ीर (देरी) होती थी, जो तक़रीबन 3 साल होती थी।
(The Oriental the Ancient, and the Primitive, p.200)

और यह बात सब जानते है के इसी कम उम्री की शादियों का इन्डिया में आज भी रिवाज है। (बाल-विवाह)

The Encyclopedia of Religion and – ethics में लिखा है के, जिस की बेटी इस हालत में बलूग़त को पहुंचती थी के वह ग़ैर शादी शुदा हो तो उसके (हिन्दू) बाप को गुनाहगार समझा जाता था, अगर ऐसा होता तो वह लड़की ख़ुद ब ख़ुद “सदरा” (निचली ज़ात) के दर्जे में चली जाती थी और ऐसी लड़की से शादी करना शौहर के लिए बाइस रुसवाई हुआ करता था।

मनु की स्मृति ने मर्द और औरत के लिए शादी की जो उम्रे तै की है वह इस तरह है, लड़का 30 साल का और लड़की 12 साल की या लड़का 24 साल का और लड़की 8 साल की…. मगर आगे चल कर भरास्पती और महाभारत की तालीम के मुताबिक़ ऐसे मौक़ौ पर (हिन्दू) लड़कीयो की शादी की जो उम्र बताई गई है, वह 10 साल और 7 साल है, जबकि इसके बाद के श्लोकस में शादी की कम-अज़-कम 4 से 6 साल और ज़्यादा से ज़्यादा 8 साल बताई गयी है और इस बात के बेशुमार शवाहिद (प्रमाण) है के यह बाते सिर्फ़ तहरीर में नहीं थी
(यानी इनपर अमल किया जाता था) ‏
(Encyclopedia of religion and ethics 450)

तो हिन्दू मज़हब के मानने वालों की अपनी किताबों के मुताबिक़ भी इस उम्र में शादी करना कोई ऐब की बात नहीं है, जो लोग इस पर ऐतराज़ करते है या तो वह जहालत की बुनियाद पर करते है या सियासी मुफ़ाद की ख़ातिर… उनको चाहिये के पहले तारीख़ का और अपनी मज़हबी किताबों का मुताअला करे।

1400 साल क़ब्ल मुल्क अरब मैं भी इस उम्र में लड़की की शादी को मायूब (दोषपूर्ण) नहीं समझा जाता था। हज़रत मुहम्मद ﷺ के ज़माने में जिन लोगों ने आपके पैग़ाम को झुठलाया था, उन्होंने हर तरीक़े से आप ﷺ को बदनाम करने और आपको नीचा दिखाने की कोशिश की। वह हर उस मौक़े की ताक में रहते थे के जिस से वह आप ﷺ की शख़्सियत पर वार कर सके, ज़ुबानी तौर पर भी और जिस्मानी तौर पर भी। आप ﷺ पर जो ज़बानी हमले करते थे उनमे कभी आप ﷺ को जादूगर कहते थे, कभी आपको झूठा कहते थे तो कभी आप ﷺ को मजनून कहते थे, नउज़ूबिल्लाह मिन ज़ालिक। मगर कभी भी उन लोगों के दिलों में यह ख़्याल भी नहीं आया के हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहू अन्हा से आपके निकाह को लेकर ऐतराज़ करे या ताना दे, ऐसा क्यूं….???

क्योंकि उस वक़्त उनके समाज में यह आम सी बात थी और उनके नज़दीक़ ये कोई ऐसे ऐब की बात नहीं थी के जिस को बुनियाद बना कर वह आपको ताना देते….

क्या आप जानते हैं….?

क्या आप जानते हैं के हज़रत मुहम्मद ﷺ की हयात तैय्यबा के पहले 54 साल तक सिर्फ़ एक ही ज़ौजा मोहतरमा थी, वह उम्मुल मोमिनीन हज़रत ख़दीजा रज़ि अल्लाहू अन्हा थी। क्या आप जानते है कि वह एक बेवा (विधवा) औरत थी जिन से हज़रत मुहम्मद ﷺ ने निकाह किया था…??

और क्या आप जानते है के वह हज़रत मुहम्मद ﷺ से 15 साल बड़ी थी…??
हज़रत मुहम्मद ﷺ ने अपनी ज़िंदगी के ऐन जवानी के अय्याम सिर्फ़ यह एक बीवी हज़रत ख़दीजा रज़ि अल्लाहू अन्हा के साथ गुज़ारे है जो आप से 15 साल बड़ी थी… और आप ﷺ ने उनकी वफ़ात तक भी उनसे ताल्लुक़ रखा और यहां तक के उनकी वफ़ात के बाद भी उनके दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ हुस्न सलूक और ताल्लुक़ को बरक़रार रखा।

उम्मुल मोमिनीन हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहू अन्हा से आपका निकाह

अल्लाह के हुक्म पर आप ﷺ ने उम्मुल मोमिनीन हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहू अन्हा से निकाह फ़रमाया जब के उनकी उम्र मुबारक 6 साल थी, मगर उसी वक़्त रूख़स्ती नहीं कि गयी, जब हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहू अन्हा की उम्र 9 साल की हुई तो आपकी रुख़सती हुई।

अब सवाल यह है के, जिस वक़्त आपकी रुख़सती हुई है उस वक़्त हज़रत आयशा अभी नाबालिग़ बच्ची थी….??
नहीं! बल्कि मुल्क अरब के मौसम और वहां की तरतीब के हिसाब से वह उम्र बच्चियों की रूख़स्ती के लिए क़ाबिल क़बूल उम्र थी।

तारीख़ और जदीद साइंस : इस बात को वाज़ेह करते है के बलूग़त की उम्र मुख़्तलिफ़ ज़माने और मुख़्तलिफ़ इलाक़ों के हिसाब से मुख़्तलिफ़ होती रही है… मोजूदा साइंस तहक़ीक़ात इस बात को साबित करते है के “लड़कियाँ मुकम्मल बलूग़त की उम्र को 9 से 15 साल की उम्र के दरमियान किसी भी वक़्त पहुँच सकती है।” ‏

“The average temperature of the country is considered the chief factor with regard to Menstruation and Sexual Puberty”

(Women : An Historical, Gynecological and Anthropological compendium, Volume I, Lord and Brandsby , 1998, p. 563)

तर्जुमा : “किसी भी इलाक़े की बच्चियों के अय्याम हैज़ की शुरुआत और अज़दवाजी (विवाह) बलूग़त की उम्र को पहुंचने में उस मुल्क का औसत जो दर्ज हरारत है, वह अहम किरदार अता करता है।”

इन सारी दलाइल की रोशनी मैं अगर इस घटना को देखे तो यह अशकाल के अम्मी आयशा रूख़स्ती के वक़्त नाबालिग़ बच्ची थी बिल्कुल ख़त्म हो जाता है और इन सारे वाक़ियात और तारीख़ी पसेमन्ज़र को सामने रखकर देखा जाए तो किसी को भी इस निकाह पर ऐतराज़ करने का कोई भी मौक़ा बाक़ी नहीं रहता…
हाँ! अगर किसी के दिल में पहले ही से मर्ज़ हो तो उसे कोई कुछ नही कर सकता… और इस पर ऐतराज़ करने वाले अपने पूर्वज का इतिहास देखेंगे तो उनको पता चल जाएगा के उनके पूर्वजों का भी बाल-विवाह ही हुआ करता था।

अल्लाह तआला फ़रमाता है :

فِي قُلُوبِهِمْ مَرَضٌ فَزَادَهُمُ اللَّهُ مَرَضًا وَلَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ بِمَا كَانُوا يَكْذِبُونَ

“उनके दिलों में मर्ज़ था। अल्लाह ने उनका मर्ज़ और ज़्यादा कर दिया और उनके झूठ बोलने के सबब उन को दुःख देने वाला अज़ाब होगा।”
(सुरह अल बक़रा : 10)

इस निकाह की अज़ीम हिकमत

इस निकाह के पीछे क्या हिकमत थी…??
हमारा ख़ालिक़, हम सब को पैदा करने वाला सब चीज़ों को सबसे बेहतर जानने वाला है।
हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहू तआला अन्हा से आप ﷺ ने निकाह, अल्लाह तबारक व तआला के हुक्म की तामील में किया था।
(सही बुख़ारी, जिल्द 5, किताब 58,हदीस 235)

सैय्यदना आयशा सिद्दीक़ा रज़ि अल्लाहू तआला अन्हा ने, अल्लाह के हबीब ﷺ की 2200 से ज़्यादा अहादीस हम तक पहुंचाई है। हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहू अन्हा ग़ैर मामूली ज़हीन थी और बेहतरीन क़ौत हिफ़्ज़ की मालिक थी। और चुकीं कम उम्री में ही उनकी शादी अल्लाह के नबी ﷺ से हो गई थीं, तो उन्होंने आप ﷺ से बहुत सारा इल्म हासिल करने का मौक़ा मिल गया।

जिस के बदौलत आगे चल कर उन्होंने एक बहुत बेहतरीन उस्ताद, माहिर और फ़क़ीह (विधिशास्त्र) का क़िरदार अदा किया। तो इस शादी के पीछे बड़ी हिकमते पोशिदा थी। हज़रत मुहम्मद ﷺ दुनिया की आसाइश (आराम) और उसकी लज़्ज़तो से लुत्फ़ अंदोंज़ होने के लिए दुनिया में तशरीफ़ नहीं लाए बल्कि आपने हमेशा अपने आप को दुनिया की ज़ेब व ज़ीनत और उसकी लज़्ज़तो से दूर रखा, और अपनी उम्मत को भी उसके धोखे से डराया।

जितने भी निकाह आप ﷺ ने अपनी हयात तैय्यबा मैं फ़रमाए वह मर्दों वाले शौक़ की शादियाँ नहीं थी, बल्कि वह हुक्म इलाही की बुनियाद पर थी….वर्ना एक ऐसा हसीन व जमील, अजमल व अकमल, अब्जा व अन्नूर, आला व अनसब, तूना और ख़ूबसूरत नौजवान, जिस जैसा किसी की आँख ने देखा ने हो, वह अपनी ऐन भरपूर जवानी के अय्याम अपने से 15 साल बड़ी एक ही बीवी के साथ कैसा गुज़ार सकता था….??

وأَحسنُ منكَ لم ترَ قطُّ عيني, وَأجْمَلُ مِنْكَ لَمْ تَلِدِ النّسَاءُ. خلقتَ مبرءاً منْ كلّ عيبٍ, كأنكَ قدْ خلقتَ كما تشاءُ

आप जैसा हसीन मेरी आँख ने नहीं देखा
आप जैसा जमाल वाला किसी माँ ने नहीं देखा
आप हर ऐब से पाक पैदा हुए
आप ऐसे पैदा हुए जैसे ख़ुद आपने अपने लिए चाहा

اللَّهمَّ صلِّ وسلِّم وبارك عليه، عدد خلقك.. ورضا نفسك، وزِنَةَ عرشِكَ، ومدادَ كلماتِك، اللَّهمَّ صلِّ وسلِّم وبارك عليه عدد ما خلقتَ، وعدد ما رزقتَ، وعدد ما أحييتَ، وعدد ما أَمتَّ

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