Lie : जानिए, झूठ क्या है? : Instructions


Lie : बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम : अज़ीज़ साथियों! आज समाज में झूठ बोलना बहुत आम हो गया है, घर के बड़े अपने छोटों से और छोटे अपने बड़ों से झूठ बोलते रहते हैं और इसी तरह बाज़ारों में दुकानदार झूठ बोलकर अपना सामान बेचते हैं और कभी हम लोग सामान ख़रीदते समय झूठ बोल देते हैं और झूठ बोलना हम बहुत मामूली बात समझते हैं जबकि झूठ बोलना कबीरा गुनाह है जैसा कि अल्लाह तआला ने क़ुरआन मजीद में इरशाद फ़रमायाः

‘‘निःसन्देह अल्लाह तआला हद से गुज़रने वालों और झूठ बोलने वालों को हिदायत नहीं देता।’’ ( सूरह मोमिन 40, आयत 28)

वज़ाहत: झूठ क्या है? इसकी वज़ाहत करते हुए रसूलुल्लाह सल्ल0 ने इरशाद फ़रमाया: ‘‘जिसने बच्चे से कहा मेरे पास आओ, मैं तुम्हें कोई चीज़ दूँ, फिर न दी तो यह झूठ होगा।’’ (मुसनद अहमद)

झूठ के बारे में रसूलुल्लाह सल्ल0 के कुछ इरशादात देखेंःजब कोई व्यक्ति झूठ बोलता है तो झूठ की बदबू से फ़रिश्ता उससे एक मील दूर चला जाता है। (तिर्मिज़ी)
झूठ से बचो इसलिए कि झूठ अवज्ञा (नाफ़रमानी) की तरफ़ ले जाता है और अवज्ञा जहन्नम में ले जाती है। (बुख़ारी)
वह व्यक्ति बर्बाद हो गया जो लोगों को हंसाने के लिए झूठ बोलता है उसके लिए जहन्नम है, उसके लिए जहन्नम है। (तिर्मिज़ी)

झूठ……उपासना (इबादत) के सवाब को बर्बाद कर देता है। इदशादे मुबारक है ‘‘रोज़ेदार झूठ बोलना और उस पर अमल करना न छोड़े तो अल्लाह तआला को इस बात की ज़रूरत नहीं कि वह खाना पीना छोड़ दे। (बुख़ारी)
कबीरा गुनाहों में से सबसे बड़ा गुनाह ये हैंः 

1. शिर्क, 
2. मां बाप की नाफ़रमानी, 
3. झूठी गवाही, 
4. झूठी बात। (मुस्लिम)

क़यामत के दिन अल्लाह तआला तीन आदमियों की तरफ़ नज़रे करम नहीं करेगा और उन्हें दर्दनाक अज़ाब देगा: 

1. बूढ़ा ज़ानी, 
2. झूठा शासक, 
3. ग़रीब घमंडी। (मुस्लिम)

सपने में रसूलुल्लाह सल्ल0 ने देखा कि एक आदमी चित लेटा हुआ है और दूसरा व्यक्ति लोहे के आले से उसकी एक बाछ गुद्दी तक और एक आंख गुद्दी तक चीर देता है, फिर दूसरी तरफ़ जाकर उसकी दूसरी बाछ और आंख गुद्दी तक चीरता है, इतनी देर में पहली तरफ़ की बाछ और आंख सही हो जाती है और वह फिर उसे आकर चीरना शुरू कर देता है। आप सल्ल0 ने हज़रत जिबरील अलैहिस्सलाम से पूछा ‘‘यह कौन है?’’ हज़रत जिबरील अलैहि0 ने बताया ‘‘यह वह व्यक्ति है जो सुबह के समय अपने घर से निकल कर झूठ बोलता था फिर वह झूठ सारी दुनिया में फैल जाता था। (बुख़ारी)

अल्लाह तआला से दुआ है कि हम सभी को झूठ जैसे कबीरा गुनाह से बचने की और ज़्यादा से ज़्यादा नेकियां करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए, आमीन!

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