Islamic Marriage Part 03 : पश्चिमी जीवन व्यवस्था : Freedom of Women


Islamic Marriage Part 03 : Nikah Ke Masail Part 03: अस्सलामु अलइकुम वरहमतुल्लाहि वबरकातुहू! इस पोस्ट में आप पढ़ेंगे पश्चिमी जीवन व्यवस्था (Western Living System) के बारे में, जिसमें आप जानेंगे कि किस तरह से पश्चिमी जीवन व्यवस्था ने महिला की आज़ादी (Women’s Freedom) को लेकर अभियान चलाए जिसके नतीजे में महिला की आज़ादी (Women’s Freedom) ने शर्म व लज्जा को रौंद कर रख दिया है। जबकि इस्लामी जीवन व्यवस्था ने महिला की आज़ादी (Women’s Freedom) को इस तरह से पेश नहीं किया जिस तरह से पश्चिमी जीवन व्यवस्था ने महिला की आज़ादी (Women’s Freedom) को पेश किया है जिसका परिणाम आज हम अपने घरों में देख रहे हैं। काश महिला की आज़ादी (Women’s Freedom) को लेकर हम सतर्क हो जाते तो हमारे मुल्क व समाज में महिला की आज़ादी (Women’s Freedom) को लेकर इतना शोर नहीं होता और आज हमारी माँ बहिनें सरे आज नंगनाच नहीं नाचतीं जैसा कि बाज़ारों में हमें देखने को मिलता है परन्तु इस महिला की आज़ादी ने सारी हदें पार कर दी हैं। हमें बस अफ़सोस के अलावा कुछ भी नज़र नहीं आता है। अगर हम इस्लामी क़ानून को अपना लेंगे तो यक़ीनन महिला की आज़ादी का नारा मिट जायेगा और हमारी माँ बहिनें बहू बेटियाँ पर्दे में आ जाएंगी और इस तरह हम अपनी खोई हुई इज़्ज़त को दोराबा पा सकते हैं। इसी मुनासिबत से हम आपकी खि़दमत में पेश कर रहे हैं निकाह के मसाइल भाग 3 इसका अध्ययन करना आपके लिए अत्यन्त आवश्यक है। इंशा अल्लाह आपको इसमें बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। आप हज़रात से गुज़ारिश है कि इस पोस्ट को दूसरों तक पहुँचाने में हमारी सहायता ज़रूर करें ताकि और लोग भी इससे लाभ उठा सकें। अल्लाह तआला हम सभी को सही शिक्षा प्राप्त करने और उन पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए, आमीन! Now let’s start Islamic Marriage Part 03-

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन वस्सलातु वस्सलामु अला सय्यिदिल मुर्सलीन वल आक़िबतु लिल मुत्तक़ीन, अम्मा बाद!

अठारहवीं सदी के अन्त में यूरोप में औद्योगिक क्रान्ति आयी तो बड़ी तीव्र गति से कारख़ाने और फैक्ट्रियां बनना शुरू हो गयीं। फैक्ट्रियों में काम करने के लिए जब मर्दों की संख्या कम पड़ गयी तो और अधिक हाथ उपलब्ध कराने के लिए पूंजीपति ने औरत को चादर और चारदीवाी से निकाल कर औद्योगिक प्रगति के लिए इस्तेमाल करने की योजना बनायी जिसके लिए औरत मर्द में समानता, औरतों की स्वतंत्रता और औरतों के अधिकार जैसे सुन्दर नारे और फ़लसफ़े तराशे गए। कम अक़्ल औरत ‘‘मर्द व औरत में समानता’’ के दिल लुभाने वाले जाल को अपने सम्मान और दर्जों की बुलन्दी समझते हुए मर्दों के कांधे से कांधा मिलाकर आर्थिक मैदान में कूद पड़ी। जिसका असल लाभ तो पूंजीपति ही को हुआ लेकिन इसका उपलाभ यह भी हुआ कि पहले जहां केवल एक मर्द की कमाई से घर के चार या पांच लोगों को केवल जीवन के साधन उपलब्ध होते थे वहीं उसके घर के दो तीन लोगों के रोज़गार पर होने से जीवन के संसाधनों की दौड़ की शुरूआत हो गयी और इस तरह मर्दों, औरतों का फ़ैक्ट्रियों और कारख़ानों में दिन रात मशीनों की तरह काम करना ही जीवन का एक मात्र उद्देश्य ठहरा।

कार्यालयों, फ़ैक्ट्रियों और कारखानों में औरतों और मर्दों के खुले तौर पर एक साथ रहने का दायरा केवल वहीं तक सीमित रहना संभव न था, धीरे-धीर यह दायरा खेतों, होटलों, कल्बों, नाचघरों, बाज़ारों से लेकर राजनीति के अखाड़ों, सैरगाहों और मनोरंजन स्थलों, पार्कों और खेल के मैदानों तक फैल गया। पूरे समाज में मर्दों और औरतों में एक साथ काम करने में शर्म व लज्जा के मूल्यों को एक-एक करके रौंद कर रख दिया। मर्दों के साथ कांधे से कांधा मिलाकर चलने वाली औरत में साज-सज्जा, हुस्न का प्रदर्शन शरीर का बनाव सिंगार, आकर्षक बनने की चाह, दिलों को लुभाने वरली अदाऐं दिखाने की भावना पैदा होना स्वभाविक बात थी जिसके लिए बारीक, तंग, भड़कीले, अर्धनंगे कपड़े पहनना, अधिक बनाव सिंगार करना, मर्दों के साथ नंगी हालत में नहाना, नंगी तस्वीरें खिंचवाना, कल्बों, स्टेज ड्रामों, नाचघरों और फिल्मों में नंगे रोल अदा करना पूरे समाज का अनिवार्य अंग बन गया जिसका नतीजा यह है कि आज पश्चिम में ‘‘आज़ादी एं निसवां (महिला की आज़ादी)’’ और महिला अधिकारों के नाम पर औरतों का बाज़ारों में नंगा होना और बिन ब्याही माओं का वजूद कोई बुरी बात नहीं रही।

विगत दिनों एक अमेरिकी स्कूल में दो महिला टीचरों ने एनाटामी की आठवीं कक्षा में नंगी होकर पढ़ाने का अनोखा तरीक़ा इस्तेमाल किया, दोनों महिला टीचरों की दलील यह थी कि इस बोर विषय में इस प्रकार छात्र एवं छात्राओं की दिलचस्पी बनाए रखी जा सकती है। इटली में मसूलेनी की पोती ने विधान सभा की सदस्यता के लिए नंगे होकर सदस्यों से संबोध किया और वोट मांगे। दुनिया में मानवाधिकार के सबसे बड़े दोवदार के नाम से एक शहर आबाद है जिसके नागरिकों के शरीर पर ज़मीन व आसमान ने लिबास कभी नहीं देखा, वहां हर साल पूरी दुनिया की पूरी तरह नंगी होने की शौक़ीन औरतों के ‘‘वीमन नेविड वर्ल्ड’’ मुक़ाबले भी होते हैं।

1966 ई0 में फ्रांस के राष्ट्रपति शेराक की बेटी क्लाड के यहां शादी के बिना बच्ची पैदा हुई तो क्लाड ने बच्चे के बाप का नाम तक बताने से इन्कार कर दिया लेकन बाप के माथे पर कोई बल तक न आया। पूर्व राष्ट्रपति रेगन की पत्नी नेन्सी रेगन ने यह रहस्य खोला है कि जब मैंने रेगन से शादी की थी उस समय गर्भवती थी। सात महीने बाद हमारे यहाँ बेटी पैदा हुई। ब्रिटेन संसद के चुनाव 1997 ई0 में एक ऐसी महिला ने भाग लिया जो विगत 18 साल से निकाह के बिना ब्वाय फ्रेन्ड के साथ रह रही थी जिससे उसके तीन बच्चे हैं। यह महिला स्कूल टीचर, स्कूल इंसपैक्टर और मजिस्ट्रेट भी रह चुकी है। ब्रिटेन की बनने वाली मलिका डियाना ने टेलीविज़न पर अपने पति की मौजूदगी में दूसरे लोगों के साथ अपने जिन्सी संबंधों को बड़ी बेतकल्लुफ़ी के साथ स्वीकार किया। अमेरिका के राष्ट्रपति बिल किलिन्टन के जिन्सी स्कैन्डिल अब तक समाचार पत्रों के पृष्ठों पर छपते रहे हैं। अमेरिका के बिशप आज़म और ईसाई दुनिया के महान प्रचारक जिम्मी स्वागट ने अमेरिकी टीवी पर पत्नी की मौजूदगी में अपने जिन्सी गुनाहों को स्वीकारा। इसका साफ़ मतलब यह है कि पश्चिमी समाज में बदकारी और हरामकारी के सामने नैतिकता व धार्मिक मूल्यों का कोई महत्व नहीं है आम आदमी तो अलग रहा किसी बड़ी से बड़ी धार्मिक हसती का भी इस बिगड़े हुए समाज में साफ़ सुथरा रहना संभव नहीं रहा।
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