सच्ची बातें अनमोल बातें - आज की हदीस़
रसूलुल्लाह (सल्ल0) ग्यारह रकअतें (वित्र और तहज्जुद की) पढ़ते थे आप (सल्ल0) की यही नमाज़ थी। मुराद उन की रात की नमाज़ थी। आप (सल्ल0) का सजदा उन रकअतों में इतना लम्बा होता था कि सिर उठाने से पहले तुममें से कोई शख़्स भी पचास आयतें पढ़ सकता और फ़ज्र की नमाज़ फ़र्ज़ से पहले आप (सल्ल0) सुन्नत दो रकअतें पढ़ते थे उसके बाद (ज़रा देर) दाहिने पहलू पर लेट रहते यहाँ तक कि मुअजि़्ज़न बुलाने के लिये आप (सल्ल0) के पास आता।
Reference:- Book : Sahih Bukhari, Hadees No. # 994, Status : Sahih
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