नबी करीम (सल्ल0) ने जब मुआज़ (रज़ि0) को (यमन का हाकिम बनाकर) भेजा तो फ़रमाया कि तुम उन्हें इस कलिमे की शहादत की दावत देना कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और ये कि मैं अल्लाह का रसूल हूँ। अगर वो लोग ये बात मान लें तो फिर उन्हें बताना कि अल्लाह ने उन पर रोज़ाना पाँच वक़्त की नमाज़ें फ़र्ज़ की हैं। अगर वो लोग ये बात मान लें तो फिर उन्हें बताना कि अल्लाह ने उनके माल पर कुछ सदक़ा फ़र्ज़ किया है जो उनके मालदार लोगों से लेकर उन्हीं के मोहताजों में लौटा दिया जाएगा।
Reference:- Book : Sahih Bukhari, Hadees No. # 1395, Status : Sahih
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